आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "भूत"
नज़्म के संबंधित परिणाम "भूत"
नज़्म
इम्तिहाँ का भूत है या है क़यामत का समाँ
अम्मी और अब्बा से छुप कर रो रही हैं लड़कियाँ
सय्यद मोहम्मद जाफ़री
नज़्म
भूत बन कर नाचता है सर पे जब क़ौमी वक़ार
ले के मज़हब की सिपर आता है जब सरमाया-दार
अली सरदार जाफ़री
नज़्म
और तुझ को किसी तालाब के सीने में उतार आएँ हम
भूत आ कर तिरी रंगत में बसेरा कर लें
राजेन्द्र मनचंदा बानी
नज़्म
हम भूत आया चिल्लाएँगे वो ज़ोर से आँखें मूँदेंगे
जब रोने पर आएँगे तब घंटी का राज़ बताएँगे