आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "मुस्तहिक़"
नज़्म के संबंधित परिणाम "मुस्तहिक़"
नज़्म
हर एक की निगाह में बस ख़ार हो गए
बे-सोंचे-समझे मुस्तहिक़-ए-दार हो गए
मिर्ज़ा अल्ताफ़ हुसैन आलिम लखनवी
नज़्म
बच्चे हैं अपने प्यार के सब से ज़ियादा मुस्तहिक़
पाएगा दिल बहुत सुकूँ बच्चों को वक़्त दीजिए
नाज़िम ज़रसिनर
नज़्म
कभी 'इस्याँ से गुरेज़ाँ कभी ता'अत से नुफ़ूर
मुस्तहिक़ ख़ुल्द का दोज़ख़ का सज़ा-वार भी है
सय्यद वहीदुद्दीन सलीम
नज़्म
क्यूँ निगाहों पर मिरी छाए हैं आँसू के नक़ाब
इस सवाल-ए-मुस्तक़िल का क्यूँ नहीं मिलता जवाब
मीराजी
नज़्म
आनंद नारायण मुल्ला
नज़्म
जो कोशिश मुत्तहिद हो कर कहीं इक बार हो जाए
यक़ीं है मुल्क की क़िस्मत का बेड़ा पार हो जाए
अहमक़ फफूँदवी
नज़्म
मैं तुझ से दूर सही लेकिन ऐ रफ़ीक़ मिरे
तिरी वफ़ा को मिरी जेहद-ए-मुस्तक़िल का सलाम