आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "शम्मा-ए-मेहर-ओ-वफ़ा"
नज़्म के संबंधित परिणाम "शम्मा-ए-मेहर-ओ-वफ़ा"
नज़्म
उसूल-ए-मेहर-ओ-उल्फ़त से न वो ग़ाफ़िल न मैं ग़ाफ़िल
दबिस्तान-ए-मोहब्बत में न वो जाहिल न मैं जाहिल
अली मंज़ूर हैदराबादी
नज़्म
रिश्ता-ए-मेहर-ओ-वफ़ा तोड़ न देना साथी
वैसे मैं अश्कों से बढ़ कर तुझे देता क्या था
सलाहुद्दीन नय्यर
नज़्म
मुनीर नियाज़ी
नज़्म
बेहतर अज़ मेहर-ओ-बहार-ए-दिल-ए-शैदा मेरा
बहर में भी नहीं ऐसा गुहर-ए-मेहर-ओ-वफ़ा
ग़ुलाम भीक नैरंग
नज़्म
मासूम शर्क़ी
नज़्म
जहाँ में बज़्म-गह-ए-हुस्न-ओ-इश्क़ का मेला
बिना-ए-लुत्फ़-ओ-मोहब्बत, रिवाज-ए-मेहर-ओ-वफ़ा
फ़ैज़ अहमद फ़ैज़
नज़्म
यहाँ अर्ज-ए-दुआ मेहर-ओ-वफ़ा कुछ भी नहीं है
कई लाशें भटकती रहती हैं बे-रूह नुक्कड़ पर
त्रिपुरारि
नज़्म
ऐ ज़न-ए-नापाक फ़ित्रत-ए-पैकर-ए-मकर-ओ-रिया
दुश्मन-ए-मेहर-ओ-वफ़ा ग़ारत-गर-ए-शर्म-ओ-हया
माहिर-उल क़ादरी
नज़्म
चले दुनिया की जानिब मोल करने को
हमारी जेब में मेहर-ओ-वफ़ा इख़्लास और सच्चाई है