आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "शायान-ए-दरगुज़र"
नज़्म के संबंधित परिणाम "शायान-ए-दरगुज़र"
नज़्म
अगर तेरी तमन्ना है कि शायान-ए-ख़िलाफ़त हो
तो शौक़-ए-बंदगी-ए-वाहिद-ए-क़हहार पैदा कर
अज़ीमुद्दीन अहमद
नज़्म
बे-सदा ज़ेर-ए-ज़मीं है बज़्म-ए-शाहान-ए-ग़यूर
आह जमुना तुझ में लेकिन है वही शान-ए-ग़ुरूर
सुरूर जहानाबादी
नज़्म
ख़ालिद मुबश्शिर
नज़्म
अहल-ए-दिल जो आज गोशा-गीर-ओ-सुर्मा-दर-गुलू
अब तना ता-हू भी ग़ाएब और या-रब हा भी गुम