आपकी खोज से संबंधित
परिणाम ".jao"
नज़्म के संबंधित परिणाम ".jao"
नज़्म
तेरी आँखों के सिवा दुनिया में रक्खा क्या है
तू जो मिल जाए तो तक़दीर निगूँ हो जाए
फ़ैज़ अहमद फ़ैज़
नज़्म
लेकिन ये मोहब्बत के नग़्मे इस वक़्त न गाओ रहने दो
जो आग दबी है सीने में होंटों पे न लाओ रहने दो