aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere
परिणाम ".rojn"
उस के सीने में छुप के रोऊँमेरा दिल तो ये चाहता है
ये दिल के मिरे टुकड़ेयूँ रोएँ मिरे होते
रोऊँ कि हँसूँ समझ न आएहाथों में हैं फूल दिल में घाव
छोटी मुस्कुराहट तुम्हारे लबों पे तराश दी गई हैतुम सदियों से नहीं रोईं
रो नहीं सकती तंग हूँ याँ तकऔर रोऊँ तो रोऊँ कहाँ तक
हम तुझे अपनी सदाओं में बसाने वालेइतना चीख़ें कि तिरे वहम लिपट कर रोएँ
आज तारीक हुई जाती हैं राहें मेरीतुझ को रोऊँ भी तो क्या रोऊँ कि इन आँखों में
नींद में क्या क्या देखें, तड़पें, रोएँ, उठ उठ जाएँसो जाने की गोली खाएँ, इंजेक्शन लगवाएँ
पुरखों ने घर बार लुटाया छोड़ के सब का साथमाएँ रोईं बिलक बिलक कर बच्चे भए अनाथ
मैं जो रोऊँ भी तो ये वक़्त के अंधे साथीकिसी बिखरे हुए मोती को नहीं चुन सकते
मेरी गर्दन और मेरे रोएँ रोएँ मेंभिनभिनाती है
दिन का हो या रात का खानारोएँ पीटें शोर मचाएँ
किस से दिल की बात कहूँकब तक मैं ख़ुद पे रोऊँ
ख़ूब रोऊँ ख़ूब रोऊँ शांत हो जाऊँये माज़ी मेरा माज़ी है
अपने उजाड़ बदन से लग करकभी हँसूँ, कभी रोऊँ
अपने बच्चों को न रोएँकिसी बच्चे की आँखों में
से लिपट कर रोएँसाल-हा-साल लिपट कर रोएँ
इक बात हो बताऊँ इक दर्द हो सुनाऊँरोऊँ भला कहाँ तक कब तक पड़ा कराहूँ
रोएँ रोएँ में साँवली रुत बेदार करेदिल की ओर से गहरी घोर घटाएँ उमडें
बात ये है कि तुम्हारा जम्अ' किया हुआ असासा तुम्हारे जिस्म के एक मा'मूली रोएँ तक को नहीं चमका सकतातुम्हारे जम्अ' किए हुए ग़लत अँधेरों पर जब सूरज चमकता है
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