आपकी खोज से संबंधित
परिणाम ".roqo"
नज़्म के संबंधित परिणाम ".roqo"
नज़्म
सोफ़ों पे अगर नाचें डैडी हमें मत रोको
कुछ अपनी भी इज़्ज़त है हर बात पे मत टोको
राजा मेहदी अली ख़ाँ
नज़्म
अब मुझ को यहाँ से जाना है पुर-शौक़ निगाहो मत रोको
ओ मेरे गले में लटकी हुई लचकीली बाहो मत रोको
मजीद अमजद
नज़्म
आँख तो रोना भूल गई थी फिर हर मंज़र नम क्यूँ है
मत रोको बहने दो आँसू किसी को करते हैं प्रणाम