आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "Duubtii"
नज़्म के संबंधित परिणाम "Duubtii"
नज़्म
मैं साँस लूँ भी तो कैसे कि मेरी साँसों में
तुम्हारी डूबती साँसों के तीर चुभते हैं
ज़ुबैर अली ताबिश
नज़्म
उफ़ुक़ पे डूबते दिन की झपकती हैं आँखें
ख़मोश सोज़-ए-दरूँ से सुलग रही है ये शाम!
फ़िराक़ गोरखपुरी
नज़्म
तेरे रहबर तुझे मरने के लिए छोड़ चले
अर्ज़-ए-बंगाल! उन्हें डूबती साँसों से पुकार