aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere
परिणाम "aariya"
अपने अंदर ज़रा झाँक मेरे वतनतू द्राविड़ है या आरिया नस्ल है
मंगोल' शक कुषाण द्राविड़ कि हून होंवो आरिया अरब हों कि अहल-ए-फ़ुनून हूँ
मिट गई जहल की शब सुब्ह का तारा चमकाआर्य-वर्त की क़िस्मत का सितारा चमका
आर्य-वर्त का रौशन-तरीं मीनार था वोरौशनी सारे ज़माने को दिखाता आया
वो देख कि मौजें रक़्स-कुनाँ हैं सतह-ए-ज़मीं पर गँगा कीनौ-वारिद आरिया हैरत में हैं देख के शान इस दरिया की
तुम जब आओगी तो खोया हुआ पाओगी मुझेमेरी तन्हाई में ख़्वाबों के सिवा कुछ भी नहीं
हर बार मेरे सामने आती रही हो तुमहर बार तुम से मिल के बिछड़ता रहा हूँ मैं
चाहता हूँ कि भूल जाऊँ तुम्हेंऔर ये सब दरीचा-हा-ए-ख़याल
मैं शायद तुम को यकसर भूलने वाला हूँशायद जान-ए-जाँ शायद
न जाने आरिबा क्यूँ आए क्यूँ मुस्तारबा आएमुज़िर के लोग तो छाने ही वाले थे सो वो छाए
धुँद छाई हुई है झीलों परउड़ रहे हैं परिंद टीलों पर
वो किताब-ए-हुस्न वो इल्म ओ अदब की तालीबावो मोहज़्ज़ब वो मुअद्दब वो मुक़द्दस राहिबा
कौन आया हैकोई नहीं आया है पागल
तुम्हारी याद मिरे दिल का दाग़ है लेकिनसफ़र के वक़्त तो बे-तरह याद आती हो
तुम्हारे नाम तुम्हारे निशाँ से बे-सरोकारतुम्हारी याद के मौसम गुज़रते जाते हैं
बिसात-ए-ज़िंदगी तो हर घड़ी बिछती है उठती हैयहाँ पर जितने ख़ाने जितने घर हैं
मुझ से पहले के दिनअब बहुत याद आने लगे हैं तुम्हें
ये किताबों की सफ़-ब-सफ़ जिल्देंकाग़ज़ों का फ़ुज़ूल इस्ती'माल
सुना है तुम ने अपने आख़िरी लम्हों में समझा थाकि तुम मेरी हिफ़ाज़त में हो मेरे बाज़ुओं में हो
चाहे तुम मेरी बीनाई खुरच डालो फिर भी अपने ख़्वाब नहीं छोड़ूँगाउन की लज़्ज़त और अज़िय्यत से मैं अपना कोई अहद नहीं तोडूँगा
Devoted to the preservation & promotion of Urdu
A Trilingual Treasure of Urdu Words
Online Treasure of Sufi and Sant Poetry
World of Hindi language and literature
The best way to learn Urdu online
Best of Urdu & Hindi Books