aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere
परिणाम "aarsii"
न ऐसी ख़ुश-लिबासियाँकि सादगी गिला करे
हसीनों के चेहरे चमकते दमकतेतकल्लुफ़ नहीं हुस्न की आरसी में
पानी जम कर हुआ रूपहलाबर्फ़ है लेकिन सर्द नहीं है
एक बदन था एक था सायाजुम्बिश भर से थिरके काया
हर एक ज़र्रा-ए-सहरा को दी जिला तू नेहर एक क़तरा-ए-शबनम को आरसी बख़्शी
इसी मामूरे में आबाद थे यूनानी भीइसी दुनिया में यहूदी भी थे नसरानी भी
कारवाँ गुज़रे हैं जिन से उसी रानाई केजिस की इन आँखों ने बे-सूद इबादत की है
पीर-ए-गर्दूं ने कहा सुन के कहीं है कोईबोले सय्यारे सर-ए-अर्श-ए-बरीं है कोई
जिस पे पहले भी कई अहद-ए-वफ़ा टूटे हैंइसी दो-राहे पे चुप-चाप खड़ा रह जाऊँ
इसी सबब से फ़लक का गिला नहीं करतेतिरे फ़िराक़ में हम दिल बुरा नहीं करते
हुस्न और इश्क़ हम-आवाज़ ओ हम-आहंग हैं आजजिस में जलता हूँ उसी आग में जलना है तुझे
मोहब्बत अपनी यक-तौरी में दुश्मन है मोहब्बत कीसुख़न माल-ए-मोहब्बत की दुकान-आराई करता है
इक ज़रा सब्र कि फ़रियाद के दिन थोड़े हैंअरसा-ए-दहर की झुलसी हुई वीरानी में
छोड़ ऐसी ख़ुशी को याद न करऐ इश्क़ हमें बर्बाद न कर
यही दुनिया है तो फिर ऐसी ये दुनिया क्यूँ हैयही होता है तो आख़िर यही होता क्यूँ है
इसी लिए तो जो लिक्खा तपाक-ए-जाँ से लिखाजभी तो लोच कमाँ का ज़बान तीर की है
वो थक चुका था और उस का तेशाउसी के सीने में गड़ चुका है
ऐसी जंगों का एहतिमाम करेंजंग वहशत से बरबरिय्यत से
चमन-ए-दहर में रूह-ए-चमन-आराई होतलअत-ए-मेहर हो फ़िरदौस की बरनाई हो
मुझ पे क्या ख़ुद अपनी फ़ितरत पर भी वो खुलती नहींऐसी पुर-असरार लड़की मैं ने देखी ही नहीं
Devoted to the preservation & promotion of Urdu
A Trilingual Treasure of Urdu Words
Online Treasure of Sufi and Sant Poetry
World of Hindi language and literature
The best way to learn Urdu online
Best of Urdu & Hindi Books