आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "al-hazar"
नज़्म के संबंधित परिणाम "al-hazar"
नज़्म
अस्र-ए-हाज़िर में है ऐसा साहिब-ए-तदबीर कौन
बज़्म-ए-गीती की बदल सकता है अब तक़दीर कौन
मुनीर वाहिदी
नज़्म
कुछ ऐसे रूप में आया है फ़ित्ना-ए-हाज़िर
तमीज़-ए-दोस्ताँ ओ दुश्मनाँ भी मुश्किल है
मौलवी सय्यद मुमताज़ अली
नज़्म
हज़ार-दर-हज़ार हैं अगरचे रहबरान-ए-मुल्क
मगर वो पीर-ए-नौजवाँ, वो एक मर्द-ए-सफ़-शिकन