आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "aulad ke kan mein kahne ki batein khwaja hasan nizami ebooks"
नज़्म के संबंधित परिणाम "aulad ke kan mein kahne ki batein khwaja hasan nizami ebooks"
नज़्म
ये हर शब सोच कर सोता हूँ आने वाली सुब्हों में
गुलों से पत्तियों से ओस की बूँदें चुरानी हैं
अबु बक्र अब्बाद
नज़्म
दिक़ तुझ से किताबें हैं बहुत करम किताबी
तू दुश्मन-ए-दुज़्दीदा है ख़ाकी हो कि आबी
अज़ीज़ हामिद मदनी
नज़्म
नहीं मालूम 'ज़रयून' अब तुम्हारी उम्र क्या होगी
वो किन ख़्वाबों से जाने आश्ना ना-आश्ना होगी