आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "bahr-e-duniyaa"
नज़्म के संबंधित परिणाम "bahr-e-duniyaa"
नज़्म
बहर-ए-तूफ़ानी-ए-दुनिया में हैं हम सर-गश्ता
मौज-ए-ग़म में है जहाज़ अपना थिएटर खाता
सूरज नारायण मेहर
नज़्म
क्यूँ मुसलमानों में है दौलत-ए-दुनिया नायाब
तेरी क़ुदरत तो है वो जिस की न हद है न हिसाब
अल्लामा इक़बाल
नज़्म
अहल-ए-फ़न कहते हैं इस को बहर-ए-ना-पैदा-कनार
और अवामुन्नास कह के सहल इसे करते हैं प्यार
जगत मोहन लाल रवाँ
नज़्म
तू इस दुनिया में बहर-ए-हुस्न-ए-फ़ितरत का किनारा है
तू इस संसार में इक आसमानी ख़्वाब है सलमा
नय्यर वास्ती
नज़्म
दुर-फ़िशाँ है हर ज़बाँ हुब्ब-ए-वतन के वस्फ़ में
जोश-ज़न हर सम्त बहर-ए-हिम्मत-ए-मर्दाना है