aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere
परिणाम "banda-e-farmaa.n"
बंदा-ए-मोमिन का दिल बीम-ओ-रिया से पाक हैक़ुव्वत-ए-फ़रमाँ-रवा के सामने बेबाक है
बाला तेरा मक़ाम दुनिया-ए-शेर में'उर्फ़ी' भी एक बंदा-ए-हल्क़ा-बगोश है
साहिब-ए-फिक्र-ओ-बंदा-ए-दरवेशदोस्तों के बड़े अक़ीदे केश
तमीज़-ए-बंदा-ओ-आक़ा फ़साद-ए-आदमियत हैहज़र ऐ चीरा-दस्ताँ सख़्त हैं फ़ितरत की ताज़ीरें
बंदा-ए-हिर्स-ओ-हवस ग़द्दार मतलब-आश्नापैसे की ख़ातिर वतन को बेचने वाले बता
और सुब्ह को वो बंदा-ए-अग़राज़-ओ-मक़ासिदसर ख़म किए दरबार-ए-मिनिस्टर में मिलेगा
राहत-ए-बंदा-ए-बे-दाम कहाँ है आ जापैकर-हुस्न सर-ए-बाम कहाँ है आ जा
शाम से थे हसरतों के बंदा-ए-बे-दाम हमपी रहे थे जाम पर हर जाम हम
हाथ है अल्लाह का बंदा-ए-मोमिन का हाथग़ालिब ओ कार-आफ़रीं कार-कुशा कारसाज़
जिस बंदा-ए-हक़-बीं की ख़ुदी हो गई बेदारशमशीर की मानिंद है बुरिंदा-ओ-बुर्राक़
इशारे पर इसी के नक़्ल-ओ-हरकत है सब इटली कीइसी के ताबा-ए-फ़रमान हैं रूसी ओ ईरानी
तू क़ादिर ओ 'आदिल है मगर तेरे जहाँ मेंहैं तल्ख़ बहुत बंदा-ए-मज़दूर के औक़ात
दिल-ए-तूर-ए-सीना-ओ-फ़ारान दो-नीमतजल्ली का फिर मुंतज़िर है कलीम
ऐ दिल ऐ बंदा-ए-वतन होशियारख़्वाब-ए-ग़फ़लत से हो ज़रा बेदार
फिर ग़ैब सबब क्यूँइस बंदा-ए-नाचीज़ पे तख़फ़ीफ़-ए-करम है
बंदा-ए-मज़दूर को जा कर मिरा पैग़ाम देख़िज़्र का पैग़ाम क्या है ये पयाम-ए-काएनात
मेहनत से भी मज़दूर को रोटी नहीं मिलतीइस बंदा-ए-मजबूर के औक़ात बदल डाल
तू एक बंदा-ए-दरवेश था फ़क़ीर-मनशचला गया जो ज़माने से झाड़ कर दामन
तिरे जमाल से ऐ बंदा-ए-ख़ुदा साबितख़ुदा के नूर से इंसाँ बनाए जाते हैं
हुआ है बंदा-ए-मोमिन फ़सोनी-ए-अफ़रंगइसी सबब से क़लंदर की आँख है नमनाक
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