आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "begum-akhtar"
नज़्म के संबंधित परिणाम "begum-akhtar"
नज़्म
किया है रूह-ए-अर्ज़ को आख़िर और ये ज़हरीले अफ़्कार
किस मिट्टी से उगते हैं सब जीना क्यूँ है इक बेगार
अख़्तरुल ईमान
नज़्म
जज़्बात के तूफ़ाँ में ये ज़ब्त-ए-फ़ुग़ाँ कब तक
मजबूर ये दिल कब तक मरऊब ज़बाँ कब तक
बशीरून्निसा बेगम बशीर
नज़्म
फैली है फ़ज़ाओं में ख़ुशी मेरी नज़र की
हँसती नज़र आती हैं फ़ज़ाएँ मिरे घर की