आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "chaaraagar"
नज़्म के संबंधित परिणाम "chaaraagar"
नज़्म
अब वक़्त है दीदार का दम है कि नहीं है
अब क़ातिल-ए-जाँ चारा-गर-ए-कुल्फ़त-ए-ग़म है
फ़ैज़ अहमद फ़ैज़
नज़्म
तो रात बनाता है मैं चराग़ जलाता आया हूँ
हमारे दरमियान खिंची दीवार में कोई खिड़की न रक्खी थी तू ने