आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "fikr e iqbal ebooks"
नज़्म के संबंधित परिणाम "fikr e iqbal ebooks"
नज़्म
फ़िक्र-ए-इंसाँ पर तिरी हस्ती से ये रौशन हुआ
है पर-ए-मुर्ग़-ए-तख़य्युल की रसाई ता-कुजा
अल्लामा इक़बाल
नज़्म
'दाग़' ने तुझ को दिए इश्क़ के अंदाज़ नए
फ़िक्र-ए-'इक़बाल' से क्या क्या न मिले राज़ नए
हबीब जौनपुरी
नज़्म
साजिदा ज़ैदी
नज़्म
लबरेज़ है शराब-ए-हक़ीक़त से जाम-ए-हिंद
सब फ़लसफ़ी हैं ख़ित्ता-ए-मग़रिब के राम-ए-हिंद
अल्लामा इक़बाल
नज़्म
जब ख़ुदा का डर नहीं तो फ़िक्र-ए-उक़्बा क्यूँ रहे
फ़ारिग़-उल-बाली में कोई भूका प्यासा क्यूँ रहे
मुख़तसर आज़मी
नज़्म
देख आए हम भी दो दिन रह के देहली की बहार
हुक्म-ए-हाकिम से हुआ था इजतिमा-ए-इंतिशार
अकबर इलाहाबादी
नज़्म
दुनिया की महफ़िलों से उक्ता गया हूँ या रब
क्या लुत्फ़ अंजुमन का जब दिल ही बुझ गया हो
अल्लामा इक़बाल
नज़्म
कल अज़ान-ए-सुब्ह से पहले फ़ज़ा-ए-क़ुद्स में
मैं ने देखा कुछ शनासा सूरतें हैं हम-नशीं
शोरिश काश्मीरी
नज़्म
उरूस-ए-शब की ज़ुल्फ़ें थीं अभी ना-आश्ना ख़म से
सितारे आसमाँ के बे-ख़बर थे लज़्ज़त-ए-रम से
अल्लामा इक़बाल
नज़्म
है फिर ज़रूरत-ए-इक़बाल तर्बियत के लिए
वगर्ना क़ौम पर ये इम्तिहाँ भी मुश्किल है
मौलवी सय्यद मुमताज़ अली
नज़्म
ऐ कि तेरा मुर्ग़-ए-जाँ तार-ए-नफ़स में है असीर
ऐ कि तेरी रूह का ताइर क़फ़स में है असीर
अल्लामा इक़बाल
नज़्म
फ़िक्र-ए-दुनिया से भी अक्सर मिल ही जाती थी नजात
फ़िक्र-ए-उक़्बा में जो रहता मैं इबादत में मगन