aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere
परिणाम "haashiyo.n"
कई चराग़ किताबों के हाशियों में मिलेसुना के अपने उरूज-ओ-ज़वाल के क़िस्से
हाशियों पर दर्ज होते हैंऔर फ़ुट-नोट से ऊपर झाँकने की
और उन झूट की झालरों हाशियों को उठाए रक्खानस्ल-दर-नस्ल हम क़ाफ़िला क़ाफ़िला बैल कंधे बदलते हसीं झूट की ये सलीबें उठाते रहे
चाँदी के पन्नों पेसिल्की महीन और घने हाशियों पर
सफ़्हे सफ़्हे पे जिस में हाशिए हैंतुम से बस इतना पूछना है मुझे
सुरमई हाशियों पर छोड़ जाते हैं
ये भूकी निगाहें हसीनों की जानिबये बढ़ते हुए हाथ सीनों की जानिब
फ़िदा करता रहा दिल को हसीनों की अदाओं परमगर देखी न उस आईने में अपनी अदा तू ने
ख़याल ही ख़याल में, वो हाशिया-निगारियाँजो दे गया फ़रेब वो, शबाब ढूँढता हूँ मैं
कभी हम-सिन हसीनों में बहुत ख़ुश-काम ओ दिल-रफ़्ताकभी पेचाँ बगूला साँ कभी ज्यूँ चश्म-ए-ख़ूँ-बस्ता
मैं और भी काला हो गया हूँये हाशिए में लिखा हुआ है:
हमेशा के लिए मर्क़ूम हू जातींहमारी हस्तियाँ मज़मूम हो जातीं
तुझ से नज़र मिलाए ये किस की भला मजालतेरे क़दम का नक़्श हसीनों के ख़द्द-ओ-ख़ाल
यूँ जवाब कापी पर हाशिए लगाते हैंदाएरे बनाते हैं
किसी हाशिए पे रक़म न होंमैं फ़रेब-ख़ुर्दा-ए-बरतरी
मत्न के सब हाशिएजिन से ऐश-ख़ाम के नक़्श-ए-रिया बनते रहे!
वो सड़कों पे फूलों की धारी सी बनतीइधर से उधर से हसीनों को चुनती
इक सियह मातमी हाशिया बुन दिया हैहवा उस से कहना
मुंतज़िर मर्द ओ ज़नमस्तियाँ ख़त्म, मद-होशियाँ ख़त्म थीं, ख़त्म था बाँकपन
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