aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere
परिणाम "ham-khaalii"
हम ख़ाली पेट सरहद परहाथों की अम्न ज़ंजीर नहीं बना सकते
ख़बरें हर वक़्त हम सुना करतेबैठते एक पल न हम ख़ाली
सिंध की वादी पे है काली घटा छाई हुईबुर्क़ा ओढ़े इक दुल्हन बैठी है शर्माई हुई
सिमटने लगी हैखुली
हर ख़ाकी-ओ-नूरी पे हुकूमत है ख़िरद कीबाहर नहीं कुछ 'अक़्ल-ए-ख़ुदा-दाद की ज़द से
खड़ी रहूँहाँ खड़ी रहूँ
छिन जाता हैख़ाली मुट्ठी
रात बहुत है काली कालीगलियाँ हैं सब ख़ाली ख़ाली
चलती चली जा रही हैख़ला
अपने लिए हैख़ालिस अपने लिए
हाल ख़ाली हो चुकादाद के बक्से उलट कर चल दिए
मेरे पास तो वो भी नहीं हैख़ाली हाथ और ख़ाली दिल
बद-नसीबी गर्दनों का तौक़ हैऔर मेहनतों के हात ख़ाली हैं
अब तक छुआ नहीं हैख़ला
ज़िंदगी भी ख़ाली हैख़ाली बोतलों की तरह
ज़ेहन ख़ाली हैख़ला नूर से या नग़्मे से
वो ख़ला कब है ख़ला कबजो वहाँ भी
उड़ना ये डाली डालीकब लुत्फ़ से है ख़ाली
ब-जुज़ मोहब्बतये दिल है ख़ाली खनकता बर्तन
क़ुरआन-ए-पाक ने भीमेरी क़सम है खाई
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