आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "husn-o-jamaal"
नज़्म के संबंधित परिणाम "husn-o-jamaal"
नज़्म
तेरे चरनों में है गंगा तू हिमाला का वक़ार
ताज से भी ख़ूबसूरत है तिरा हुस्न-ओ-जमाल
प्रेम पाल अश्क
नज़्म
आ 'जमाल'-ए-ज़ार को भी राज़दार-ए-दिल बना
ज़िंदगी इस की भी इक बर्क़-ए-दिल-ए-बिस्मिल बना
बिलक़ीस जमाल बरेलवी
नज़्म
ब-ईं यक़ीन ओ ब-ईं एतिक़ाद-ए-हुस्न-ए-यकीं
अभी तो आएगा वो अहद-ए-ख़ूँ-चकाँ इक दिन
मसूद अख़्तर जमाल
नज़्म
इब्न-ए-इंशा
नज़्म
फीका है जिस के सामने अक्स-ए-जमाल-ए-यार
अज़्म-ए-जवाँ को मैं ने वो ग़ाज़ा अता किया
आल-ए-अहमद सुरूर
नज़्म
फ़ैज़ से तेरे ही है उर्दू का ये हुस्न-ए-जमाल
तेरे बाइ'स ही बनी वो रौनक़-ए-बज़्म-ए-जहाँ
जयकृष्ण चौधरी हबीब
नज़्म
जमाल-ए-हुस्न-ए-यार की वफ़ा भी क्या ही ख़ूब थी
कमाल-ए-दिलबरी की वो अदा भी क्या ही ख़ूब थी