आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "iqraar-e-gunaah-e-ishq"
नज़्म के संबंधित परिणाम "iqraar-e-gunaah-e-ishq"
नज़्म
यौम-ए-आज़ादी ने यूँ छिड़का फ़ज़ाओं में गुलाल
गुल्सिताँ से भीनी भीनी ख़ुशबुएँ आने लगीं
सय्यदा शान-ए-मेराज
नज़्म
मगर क्या कीजिए जब फ़ैसला ये है मशिय्यत का
कि मैं फ़ितरत की आँखों से गिरूँ अश्क-ए-रवाँ हो कर
अहसन अहमद अश्क
नज़्म
तेरा ज़ाहिर ख़ुशनुमा है तेरा बातिन है सियाह
हर अदा तेरी मुकम्मल दावत-ए-जुर्म-ओ-गुनाह
माहिर-उल क़ादरी
नज़्म
फ़िरदौस-ए-हुस्न-ओ-इश्क़ है दामान-ए-लखनऊ
आँखों में बस रहे हैं ग़ज़ालान-ए-लखनऊ