आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "kahkashaa.e.n"
नज़्म के संबंधित परिणाम "kahkashaa.e.n"
नज़्म
निशान-ए-मंज़िल जो ख़्वाब सा है, जो आरज़ुओं का हादसा है
उसी के रस्ते में कहकशाएँ बिखेर दें हम
ख़ालिद मलिक साहिल
नज़्म
जबीं पर नन्ही नन्ही कहकशाएँ जगमगाती हैं
हिनाई उँगलियाँ लहरा के साजन को बुलाती हैं