आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "khambaa"
नज़्म के संबंधित परिणाम "khambaa"
नज़्म
वो ज़ुल्फ़-ए-ख़म-ब-ख़म शमीम-ए-मस्त से धुआँ धुआँ
वो रुख़ चमन चमन बहार-ए-जावेदाँ लिए हुए
फ़िराक़ गोरखपुरी
नज़्म
गलियों की शमएँ बुझ गईं और शहर सूना हो गया
बिजली का खम्बा थाम कर बाँका सिपाही सो गया
अहमद नदीम क़ासमी
नज़्म
शेर की ख़ाला बिल्ली उस को क्या क्या सबक़ पढाती है
खम्बा नोचने लगती है बेचारी जब खिसियाती है
जमील उस्मान
नज़्म
ख़म-ब-ख़म ज़ुल्फ़ों का वो चेहरे पे मेरे लोटना
भीनी भीनी निकहतों में डूब जाना याद है
हबीब जौनपुरी
नज़्म
हुरमतुल इकराम
नज़्म
गलियों की शम'एँ बुझ गईं और शहर सूना हो गया
बिजली का खम्बा थाम कर बाँका सिपाही सो गया