आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "khet"
नज़्म के संबंधित परिणाम "khet"
नज़्म
उस शाम मुझे मालूम हुआ जब बाप की खेती छिन जाए
ममता के सुनहरे ख़्वाबों की अनमोल निशानी बिकती है
साहिर लुधियानवी
नज़्म
धूप के झुलसे हुए रुख़ पर मशक़्क़त के निशाँ
खेत से फेरे हुए मुँह घर की जानिब है रवाँ
जोश मलीहाबादी
नज़्म
न जाने कितने कितने रंग से दिल को लुभाते हैं
फ़ज़ा में दूर तक फैले हुए वो खेत सरसों के
ख़लील-उर-रहमान आज़मी
नज़्म
नट बंजारन सन्यासी और खेल-तमाशे वाले लोग
खंडर वीराना जलती धूप फूली सरसों धान के खेत