आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "mag"
नज़्म के संबंधित परिणाम "mag"
नज़्म
मुझ से पहली सी मोहब्बत मिरी महबूब न माँग
मैं ने समझा था कि तू है तो दरख़्शाँ है हयात
फ़ैज़ अहमद फ़ैज़
नज़्म
आशिक़ों के दिलों पर हाँ नहीं होते कि माँग निकाल कर आग भर दी जाए
इस लिए उन के दिल फट जाते हैं
नसरीन अंजुम सेठी
नज़्म
मता-ए-दिल मता-ए-जाँ तो फिर तुम कम ही याद आओ
बहुत कुछ बह गया है सैल-ए-माह-ओ-साल में अब तक