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नज़्म
रूस में पैदा हुआ था वो अदीब-ए-ख़ुश-कलाम
और फिर दुनिया में चमका सूरत-ए-माह-ए-तमाम
प्रेम लाल शिफ़ा देहलवी
नज़्म
यहाँ परहेज़ कैसा आओ रिंदान-ए-वतन आओ
कि जाम अपना है अपना मै-कदा पीर-ए-मुग़ाँ अपना
राम लाल वर्मा हिंदी
नज़्म
गुल करो शमएँ बढ़ा दो मय ओ मीना ओ अयाग़
अपने बे-ख़्वाब किवाड़ों को मुक़फ़्फ़ल कर लो
फ़ैज़ अहमद फ़ैज़
नज़्म
औज-ए-अफ़्लाक पे है माँग की अफ़्शाँ की दमक
शीशा-ए-मह से छलक कर मय-ए-तुंद-ओ-बे-दर्द
मुख़्तार सिद्दीक़ी
नज़्म
देखिए देते हैं किस किस को सदा मेरे बाद
'कौन होता है हरीफ़-ए-मय-ए-मर्द-अफ़गन-ए-इश्क़'
फ़ैज़ अहमद फ़ैज़
नज़्म
कौन होता है हरीफ़-ए-मय-ए-मर्द-अफ़्गन-ए-इल्म
किस के सर जाएगा अब बार-ए-गिरान-ए-उर्दू