आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "mai-kade"
नज़्म के संबंधित परिणाम "mai-kade"
नज़्म
मगर ये कर नहीं सकता मस्लहत ख़ामोश रखती है
हरीम-ए-मय-कदे में ख़ानक़ाहों मठ मदरसों में
अबु बक्र अब्बाद
नज़्म
सीने छलकते मय-कदे और होंट पैमानों के लब
टख़नों पे बजती झाँझनें हँसना-हँसाना बे-सबब
अहमद नदीम क़ासमी
नज़्म
जब एक मय-कदे के हो बादा-ख़्वार दोनों
हाँ छोड़ दो ये रंजिश बन जाओ यार दोनों