आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "maulid-o-maavaa"
नज़्म के संबंधित परिणाम "maulid-o-maavaa"
नज़्म
अपने मुँह से कह रही है साफ़ उर्दू की ज़बाँ
मौलिद-ओ-मावा है मेरा किश्वर-ए-हिन्दोस्ताँ
सफ़ी लखनवी
नज़्म
वहीं उस की यूरिश को सपनों पे यूँ रोक लेते
के हम तेरी मंज़िल नहीं, तेरा मलजा ओ मावा नहीं हैं?
नून मीम राशिद
नज़्म
ये नहीं तो फ़ख़्र इस तहज़ीब पर बे-कार है
नंग-ए-इंसाँ ये तमद्दुन मौजिब-ए-सद-आर है
ज़फ़र अहमद सिद्दीक़ी
नज़्म
ईस्तादा सर्व के साए में थे मौला-ए-रूम
जिन के फ़र्मूदात में मुज़्मर हैं आयात-ए-मुबीं
शोरिश काश्मीरी
नज़्म
मिरी मजबूरियों को भी बहुत कुछ दख़्ल है इस में
तुझी को मोरीद-ए-इल्ज़ाम मैं ठहरा नहीं सकता
गोपाल मित्तल
नज़्म
सितम ये है कोई शीशा-गरों को कुछ नहीं कहता
मिरी ख़ारा-शिगाफ़ी मोरिद-ए-इल्ज़ाम है साक़ी