aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere
परिणाम "mujassama"
ऐ सियह-फ़ाम हसीना तिरा 'उर्यां पैकरकितनी पथराई हुई आँखों में ग़ल्तीदा है
है कोई मेरा मुजस्समा बनाने वालाअपनी क़िस्मत पे उदास मत हो
तराशना है नया इक मुजस्समा या फिरमैं अपने गुम-शुदा हिस्सों को फिर तलाश करूँ
जो अपने मद्दाह और रंग देखना चाहता होऔर मेरा दिल इस मुजस्समा-साज़ के लिए है
बस तीनऔर चौथा मुजस्समा है
तुम एक मुजस्समाजो फ़नकार की उँगलियों में
इसी लिए अब तककिसी मुसव्विर या मुजस्समा-साज़ ने
मैं एक पत्थरमैं एक बे-जान सर्द पत्थर
लेकिन कोई मुजस्समा नहीं बन सकतीअगर एक बार भी
रोडन और हेनरीमोर भी घूम रहे हैंअपने अपने मुजस्समों के साथ मगर में
मैं अब इन पत्थरों के बीचइक संगी मुजस्समा हूँ
एक मुजस्समाउसे शेल्फ़ पर सजा दूँगा
ये बुध का मुजस्समाऔर ये औरंगज़ेब की बुझती हुई तलवार
मिरे ग़नीम ने मुझ को पयाम भेजा हैकि हल्क़ा-ज़न हैं मिरे गिर्द लश्करी उस के
मुजस्समों की तरह थे दोनोंन दोस्ती थी न दुश्मनी थी
ये सहरा है फैला हुआ ख़ुश्क बे-बर्ग सहराबगूले यहाँ तुंद भूतों का अक्स-ए-मुजस्सम बने हैं
चारों तरफ़ से नारा-ए-सल्ले-अला उठेतेरे मुजस्समों से ज़मीं जगमगा उठे
जैसे तुम ख़ुद मुझ पे फ़िदा होजैसे मुजस्सम मेहर-ए-वफ़ा हो
ज़ीस्त ख़ुदा जाने है क्या शय भूक तजस्सुस अश्क फ़रारफूल से बच्चे ज़ोहरा-जबीनें मर्द मुजस्सम बाग़-ओ-बहार
प उन से कोई उमीद-ए-वफ़ा करे कैसेजो बद-दुआ' हो मुजस्सम दुआ करे कैसे
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