आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "narak"
नज़्म के संबंधित परिणाम "narak"
नज़्म
सीने के दहकते दोज़ख़ में अरमाँ न जलाए जाएँगे
ये नरक से भी गंदी दुनिया जब स्वर्ग बताई जाएगी
साहिर लुधियानवी
नज़्म
नोट के अलावा मेरी ज़िंदगी का कोई नायक नहीं
ज़िंदगी में मेरा न है अस्तित्व न कोई ईमान
अंकिता गर्ग
नज़्म
ज़र दाम-दिरम का भांडा है बंदूक़ सिपर और खांडा है
जब नायक तन का निकल गया जो मुल्कों मुल्कों हांडा है