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नज़्म
दिल की ठंडक और आँखों की ज़िया हैं बेटियाँ
जल के ख़ुद जो रौशनी दे वो दिया हैं बेटियाँ
रूबीना मुमताज़ रूबी
नज़्म
मीराजी
नज़्म
कहने को तो यूँ कह देते हैं भारत को अगर गाड़ी कहिए
तो हिन्दू और मुसलमाँ हैं इस गाड़ी ही के दो पहिए
मोहम्मद शफ़ीउद्दीन नय्यर
नज़्म
कल वॉशिंगटन शहर की हम ने सैर बहुत की यार
गूँज रही थी सब दुनिया में जिस की जय-जय-कार
अहमद फ़राज़
नज़्म
कहने को तो यूँ कह देते हैं भारत को अगर गाड़ी कहिए
तो हिन्दू और मुसलमाँ हैं इस गाड़ी ही के दो पहिए