आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "phail"
नज़्म के संबंधित परिणाम "phail"
नज़्म
मुझ से पहली सी मोहब्बत मिरी महबूब न माँग
मैं ने समझा था कि तू है तो दरख़्शाँ है हयात
फ़ैज़ अहमद फ़ैज़
नज़्म
ता'मीर के रौशन चेहरे पर तख़रीब का बादल फैल गया
हर गाँव में वहशत नाच उठी हर शहर में जंगल फैल गया
साहिर लुधियानवी
नज़्म
तिरे होंटों से निकले साँस की ख़ुश्बू
दर-ओ-दीवार से रस्ता बना कर सारे बर्र-ए-'आज़मों में फैल सकती है
तहज़ीब हाफ़ी
नज़्म
तुम्हें गर चूम लूँ
तो मेरे होंटों पर उलूही आसमानी ना-चशीदा ज़ाइक़े यूँ फैल जाते हैं
रहमान फ़ारिस
नज़्म
बंद है कमरे के अंदर गर्दिश-ए-लैल-ओ-नहार
क्या ख़बर आई ख़िज़ाँ कब कब गई फ़स्ल-ए-बहार