आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "phek"
नज़्म के संबंधित परिणाम "phek"
नज़्म
उसे ख़ुद अपने हाथों से कफ़न दे कर फ़रेबों का
इसी की आरज़ूओं की लहद में फेंक आया हूँ
अख़्तरुल ईमान
नज़्म
शब्नमिस्तान-ए-तजल्ली का फ़ुसूँ क्या कहिए
चाँद ने फेंक दिया रख़्त-ए-सफ़र आज की रात
असरार-उल-हक़ मजाज़
नज़्म
फ़ैज़ अहमद फ़ैज़
नज़्म
जाँ निसार अख़्तर
नज़्म
मिरी जाँ अब भी अपना हुस्न वापस फेर दे मुझ को
अभी तक दिल में तेरे इश्क़ की क़िंदील रौशन है
फ़ैज़ अहमद फ़ैज़
नज़्म
ये कैसा फेर है तक़दीर का ये फेर तो शायद नहीं लेकिन
ये फैला आसमाँ उस वक़्त क्यूँ दिल को लुभाता है
मीराजी
नज़्म
ख़ुर्दनी चीज़ों के चेहरों से टपकता है लहू
रूपये का रंग फ़क़ है अशरफ़ी है ज़र्द-रू
जोश मलीहाबादी
नज़्म
ता-अबद जिन के मुक़द्दर में थी दुनिया अंधेर
ये मगर अज़्मत-ए-इंसाँ है कि तक़दीर के फेर?