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नज़्म
शिकवा अदू का क्या है जब अहबाब हैं अदू
जीने की इक सेकेंड नहीं अब तो आरज़ू
मिर्ज़ा अल्ताफ़ हुसैन आलिम लखनवी
नज़्म
साहिर लुधियानवी
नज़्म
मुँह में कुछ खोखले बे-मअ'नी से जुमले रख लो
मुख़्तलिफ़ हाथों में सिक्कों की तरह घिसते रहो
निदा फ़ाज़ली
नज़्म
सोने की चटाई तक भी नहीं, हम ज़ात के इतने हेटे हैं
ये सेजों पर सोने वाले शायद भगवान के बेटे हैं