आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "shamsa"
नज़्म के संबंधित परिणाम "shamsa"
नज़्म
रह-ए-तारीक-ए-ज़लालत में पए ख़ल्क़-ए-ख़ुदा
शम्अ-सा मज़हर-ए-अनवार गुरु-नानक थे
श्याम सुंदर लाल बर्क़
नज़्म
वो नर्गिस भी हीरा भी शम्अ' भी ऐवान भी था
किताबों में ख़ुद तज़्किरा सर-वरक़ नफ़्स-ए-मज़मून
ख़्वाजा रब्बानी
नज़्म
जिन की आँखों को रुख़-ए-सुब्ह का यारा भी नहीं
उन की रातों में कोई शम्अ मुनव्वर कर दे
फ़ैज़ अहमद फ़ैज़
नज़्म
वो चाहे अजनबी हो, यही लगता है वो मेरे वतन का है
बड़ी शाइस्ता लहजे में किसी से उर्दू सुन कर
गुलज़ार
नज़्म
तोड़ देते हैं जहालत के अँधेरों का तिलिस्म
इल्म की शम्अ' जलाते हैं हमारे उस्ताद