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नज़्म
जोश मलीहाबादी
नज़्म
शिकस्त-ए-मजलिस-ओ-ज़िन्दाँ का वक़्त आ पहुँचा
वो तेरे ख़्वाब हक़ीक़त में ढाल आए हैं
साहिर लुधियानवी
नज़्म
अनीस सुलताना
नज़्म
रफ़ीक़ संदेलवी
नज़्म
किसी के दस्त-ए-इनायत ने कुंज-ए-ज़िंदाँ में
किया है आज अजब दिल-नवाज़ बंद-ओ-बस्त
फ़ैज़ अहमद फ़ैज़
नज़्म
लहद में सो रही है आज बे-शक मुश्त-ए-ख़ाक उस की
मगर गर्म-ए-अमल है जागती है जान-ए-पाक उस की
हफ़ीज़ जालंधरी
नज़्म
मुझे जाना है इक दिन तेरी बज़्म-ए-नाज़ से आख़िर
अभी फिर दर्द टपकेगा मिरी आवाज़ से आख़िर
असरार-उल-हक़ मजाज़
नज़्म
मिरे ख़ुदाया मैं ज़िंदगी के अज़ाब लिक्खूँ कि ख़्वाब लिक्खूँ
ये मेरा चेहरा ये मेरी आँखें