आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "sochii.n"
नज़्म के संबंधित परिणाम "sochii.n"
नज़्म
अख़्तर शीरानी
नज़्म
नवा-पैरा हो ऐ बुलबुल कि हो तेरे तरन्नुम से
कबूतर के तन-ए-नाज़ुक में शाहीं का जिगर पैदा
अल्लामा इक़बाल
नज़्म
टक ग़ाफ़िल दिल में सोच ज़रा है साथ लगा तेरे दुश्मन
क्या लौंडी बांदी दाई दवा क्या बंदा चेला नेक-चलन
नज़ीर अकबराबादी
नज़्म
नहीं तेरा नशेमन क़स्र-ए-सुल्तानी के गुम्बद पर
तू शाहीं है बसेरा कर पहाड़ों की चटानों में
अल्लामा इक़बाल
नज़्म
ज़ाग़ दश्ती हो रहा है हम-सर-ए-शाहीन-अो-चर्ग़
कितनी सुरअ'त से बदलता है मिज़ाज-ए-रोज़गार
अल्लामा इक़बाल
नज़्म
सोचता हूँ कि तुझे मिल के मैं जिस सोच में हूँ
पहले उस सोच का मक़्सूम समझ लूँ तो कहूँ