आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "takalluf"
नज़्म के संबंधित परिणाम "takalluf"
नज़्म
बे-तकल्लुफ़ ख़ंदा-ज़न हैं फ़िक्र से आज़ाद हैं
फिर उसी खोए हुए फ़िरदौस में आबाद हैं
अल्लामा इक़बाल
नज़्म
किस से पूछें वबा और वफ़ा में बनाए हुए बे-तकल्लुफ़ त'अल्लुक़
की उम्रें अगर मुख़्तसर हैं तो क्यों हैं
तहज़ीब हाफ़ी
नज़्म
जिस ने हर दाम में आने में तकल्लुफ़ बरता
ले उड़ी है उसे ज़ुल्फ़-ए-गिरह-गीर अब के
साहिर लुधियानवी
नज़्म
ख़ल्क़ को हर लहज़ा अपने हुस्न की रंगत दिखा
बे-तकल्लुफ़ क्या ही हर दिल में समाती है बहार
नज़ीर अकबराबादी
नज़्म
रियाज़ी हो कि मंतिक़ फ़ल्सफ़ा हो या तसव्वुफ़ हो
सब इस की बज़्म में मौजूद हैं और जान-ए-महफ़िल हैं