आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "taleem samaj aur c"
नज़्म के संबंधित परिणाम "taleem samaj aur c"
नज़्म
है कोई तो बात जो वो आवाज़ दबाने पे आमादा है
लगा ले जितना दम हो अपना भी मज़बूत इरादा है
सचिन देव वर्मा
नज़्म
मिज़ाज-ए-मुक़्तदिर मजबूर क्यों है हम समझते हैं
बज़ाहिर दिल से नख़वत दूर क्यों है हम समझते हैं
इनाम थानवी
नज़्म
क्यों यास हो न मुझ को बहबूद-ए-हिंदियाँ से
सुनती हूँ गोखले भी रुख़्सत हुए जहाँ से
ज़ाहिदा ख़ातून शरवानिया
नज़्म
जब फागुन रंग झमकते हों तब देख बहारें होली की
और दफ़ के शोर खड़कते हों तब देख बहारें होली की
नज़ीर अकबराबादी
नज़्म
इम्तिहाँ सर पर है लड़के लड़कियाँ हैं और किताब
डेट-शीट आई तो गोया आ गया यौम-उल-हिसाब
सय्यद मोहम्मद जाफ़री
नज़्म
कभी जब लफ़्ज़-ए-आज़ादी का सच्चा तर्जुमाँ होगा
तो फिर ये हिन्द ख़्वाबों का मिरे हिन्दोस्ताँ होगा