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पापा मियाँ

सय्यदा फ़रहत

पापा मियाँ

सय्यदा फ़रहत

MORE BYसय्यदा फ़रहत

    रोचक तथ्य

    (Shaikh Abdullah, Founder, Girls College Aligarh)

    पापा मियाँ ज़माने में क्या नाम कर गए

    तारीख़-ए-हिंद में वो नया काम कर गए

    महरूम-ए-इल्म-ओ-फ़न थीं मुसलमाँ थीं लड़कियाँ

    माहौल की घुटन से परेशाँ थीं लड़कियाँ

    ता'लीम औरतों को मिले ये गुनाह था

    क्या कहिए कैसा क़ौम का हाल-ए-तबाह था

    पापा मियाँ के अज़्म ने ये कर दिखाया काम

    जिस को सभी समझ रहे थे इक ख़याल-ए-ख़ाम

    क्या क्या मुख़ालिफ़त का तूफ़ान सह गए

    वो कर दिखाया लोग सभी दंग रह गए

    बेगम भी जान-ओ-दिल से थीं उन की रफ़ीक़-ए-कार

    एहसान लड़कियों पे हैं उन के भी बे-शुमार

    पौदा जो कल था अब शजर-ए-साया-दार है

    पापा मियाँ के बाग़ में कैसी बहार है

    फूला-फला रहे ये गुलिस्तान-ए-इल्म-ओ-फ़न

    क़ाएम रहे ज़माने में पापा की अंजुमन

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