आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "tarh-e-baag-e-taaza"
नज़्म के संबंधित परिणाम "tarh-e-baag-e-taaza"
नज़्म
हाँ देखा कल हम ने उस को देखने का जिसे अरमाँ था
वो जो अपने शहर से आगे क़र्या-ए-बाग़-ओ-बहाराँ था
इब्न-ए-इंशा
नज़्म
दिल की न पूछो क्या कुछ चाहे दिल का तो फैला है दामन
गीत से गाल ग़ज़ल सी आँखें साअद-ए-सीमीं बर्ग-ए-दहन
इब्न-ए-इंशा
नज़्म
कली से कह रही थी एक दिन शबनम गुलिस्ताँ में
रही मैं एक मुद्दत ग़ुंचा-हा-ए-बाग़-ए-रिज़वाँ में
अल्लामा इक़बाल
नज़्म
वो कारवान-ए-गुल-ए-ताज़ा जिस के मुज़्दे से
दिमाग़-ए-इश्क़ मोअत्तर है और फ़ज़ा मामूर
ख़ुर्शीदुल इस्लाम
नज़्म
जहान-ए-ताज़ा की अफ़्कार-ए-ताज़ा से है नुमूद
कि संग-ओ-ख़िश्त से होते नहीं जहाँ पैदा
अल्लामा इक़बाल
नज़्म
ग़ैरत-ए-बाग़-ए-इरम हैं खेतियाँ हर गाँव में
ख़ुल्द का आराम है पेड़ों की ठंडी छाँव में
अर्श मलसियानी
नज़्म
मलाल ऐसा भी क्या जो ज़ेहन को हर ख़्वाब से महरूम कर दे
जमाल-ए-बाग़-ए-आइंदा के हर इम्कान को मादूम कर दे
इफ़्तिख़ार आरिफ़
नज़्म
सय्यद मोहम्मद जाफ़री
नज़्म
हल्की हल्की चाँदनी कैफ़ियत-ए-गुल-गश्त-ए-बाग़
वो लब-ए-जू आह हुस्न ओ इश्क़ के दो शब चराग़