आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "ukhe.Do"
नज़्म के संबंधित परिणाम "ukhe.Do"
नज़्म
साँस क्या उखड़ी कि हक़ के नाम पर मरने लगे
नौ-ए-इंसाँ की हवा-ख़्वाही का दम भरने लगे
जोश मलीहाबादी
नज़्म
थर-थर का ज़ोर उखाड़ा हो बजती हो सब की बत्तीसी
हो शोर फफू हू-हू का और धूम हो सी-सी सी-सी की
नज़ीर अकबराबादी
नज़्म
कितने रंगीं अहद-ओ-पैमाँ तोड़ कर आया था मैं
दिल नवाज़ान-ए-चमन का छोड़ कर आया था मैं