aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere
परिणाम "vatano.n"
तुम हर इक हाल में हो यूँ तो अज़ीज़थे वतन में मगर कुछ और ही चीज़
ऐ जान से प्यारे हम-वतनोअभी काम बहुत कुछ बाक़ी है
हम-वतनों से दूरअपनों से दूर
कितने छूटे हम-वतनों सेलम्हा लम्हा उलझते रहे
हम वतनों को भूका नंगा कैसे देखा जाएबापू कपड़े क्यों पहने कैसे भर पेट वो खाए
सरकारी मुर्दा-ख़ाने मेंमुझे बाक़ी जिला-वतनों के साथ
क़ाफ़िले जो दर्द के वतनों से चलेचलते गए अजनबी ख़ुशबू की तरफ़
ये जो बाग़ खिलाए हम नेइन बाग़ों की हरियाली में
पाक है गर्द-ए-वतन से सर-ए-दामाँ तेरातू वो यूसुफ़ है कि हर मिस्र है कनआँ तेरा
निसार मैं तिरी गलियों के ऐ वतन कि जहाँचली है रस्म कि कोई न सर उठा के चले
ग़ुर्बत में हों अगर हम रहता है दिल वतन मेंसमझो वहीं हमें भी दिल हो जहाँ हमारा
हो मिरे दम से यूँही मेरे वतन की ज़ीनतजिस तरह फूल से होती है चमन की ज़ीनत
कुछ नाम वतन की गलियों केमत रोको इन्हें पास आने दो
क्या बद-नसीब हूँ मैं घर को तरस रहा हूँसाथी तो हैं वतन में मैं क़ैद में पड़ा हूँ
इक हश्र बपा है घर में दम घुटता है गुम्बद-ए-बे-दर मेंइक शख़्स के हाथों मुद्दत से रुस्वा है वतन दुनिया-भर में
चाहा है इसी रँग में लैला-ए-वतन कोतड़पा है इसी तौर से दिल उस की लगन में
चीन-ओ-अरब हमारा हिन्दोस्ताँ हमारामुस्लिम हैं हम वतन है सारा जहाँ हमारा
कि वतन-बदर हों हम तुमदें गली गली सदाएँ
तातारियों ने जिस को अपना वतन बनायाजिस ने हिजाज़ियों से दश्त-ए-अरब छुड़ाया
अपने ही वतन में हूँ मगर आज अकेलीउर्दू है मिरा नाम मैं 'ख़ुसरव' की पहेली
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