aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere
परिणाम "کربلا"
तुम्हें भी ज़ोम महा-भारता लड़ी तुम नेहमें भी फ़ख़्र कि हम कर्बला के आदी हैं
और अब जो है कर्बला का नक़्शातुम मदह-ए-यज़ीद गा रहे हो
अबू-तालिब के बेटे सर्फ़-ए-ज़िंदाँ हो के भी ऐलान-ए-हक़ करते रहे हैंमदीना हो नजफ़ हो कर्बला हो काज़िमैन ओ सामिरा हो मशहद ओ बग़दाद हो
यज़ीद नक़्शा-ए-जौर-ओ-जफ़ा बनाता हैहुसैन उस में ख़त-ए-कर्बला बनाता है
हमें तो हर दौर में नई कर्बला मिली है
कहीं राधा कहीं सीता कहीं ब्याकुल सी मीरा हैकहीं पर कर्बला है और कहीं पर रामलीला है
कि जीवन बिताया है इस कर्बला मेंमुझे चीख़ना है ख़ला में
कर्बला एक राह-ए-हिदायतरौशनी ज़रा सी दर्ज़ किसी झुर्री से दाख़िल हो कर
मर्सियों में मिले मंज़र-ए-कर्बलाझूट और सच का है बच्चो इक मा'रका
और मैं ने सुना कर्बला...कर्बलारात के सहम से, अन-कहे वहम से
अर्श-ए-आज़म के परे लौह-ओ-क़लम से आगेकर्बला से ये लहू जाने कहाँ तक पहुँचा
जंग-ए-बद्र-ओ-उहद सेवाक़िआ'-ए-कर्बला तक
ये बी-ए है लेकिन चलाए ये ठेला ये एम-ए है लेकिन ये बेचे करैलाअगर तीन दिन से ये भूका है भाई जो भूका है भाई तो मैं क्या करूँ
कर्बला के हुज़्न मेंएक वहशियाना रक़्स की तख़्लीक़ में मसरफ़ था
और इन की आँखों के रास्ते मेंइस अह्द की कर्बला का मंज़र सजा हुआ है
बगुले की चोंच में मछली है केले के साथ करैला हैयारो ये ईद का मेला है
मगर चमकती किरोला कीदमकती मख़्लूक़ को क्या ख़बर
हर दम मदीना-ओ-नजफ़-ओ-कर्बला की फ़िक्रतेरा कहाँ जवाब मोहब्बत के फ़न में था
वसवसों के संपोलिए कुलबुला रहे थेअचानक आवाज़ आई
कद्दू करैला अरवी आलूबैगन टिंडा और शफ़्तालू
Jashn-e-Rekhta | 8-9-10 December 2023 - Major Dhyan Chand National Stadium, Near India Gate - New Delhi
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