ग़ज़लें जिन्हें हम रेडियो पर अक्सर सुना करते थे
यहाँ ऐसी ग़ज़लें दी जा
रही हैं, जिसे हम कई जगह मसलन चाय की दुकानों और बाजारों में सुना करते थे
aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere
रही हैं, जिसे हम कई जगह मसलन चाय की दुकानों और बाजारों में सुना करते थे
Jashn-e-Rekhta | 2-3-4 December 2022 - Major Dhyan Chand National Stadium, Near India Gate, New Delhi
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