निदा फ़ाज़ली शायरी
महत्वपूर्ण आधुनिक शायर
और फ़िल्म गीतकार। अपनी ग़ज़ल ' कभी किसी को मुकम्मल जहाँ नहीं मिलता ' के लिए प्रसिध्द।
aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere
और फ़िल्म गीतकार। अपनी ग़ज़ल ' कभी किसी को मुकम्मल जहाँ नहीं मिलता ' के लिए प्रसिध्द।