किसान
चीर के साल में दो बार ज़मीं का सीना
कैफ़ी आज़मी
किसान
झुटपुटे का नर्म-रौ दरिया शफ़क़ का इज़्तिराब
जोश मलीहाबादी
किसानों का गीत
ये धरती ये जीवन-सागर ये संसार हमारा है
मसूद अख़्तर जमाल
किसान
बे-आब-ओ-गियाह बाँझ धरती
रिफ़अत सरोश
खेती
वक़्त की खेती हैं हम
अमीक़ हनफ़ी
ग़रीब किसान
ऐ नेचर के राज दुलारे
साक़िब कानपुरी
किसान
बरहना जिस्म पसीने में ग़र्क़ नंगे पाँव
मयकश अकबराबादी