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aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair

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बलराज कोमल की 10 मशहूर नज़्में

अग्रणी आधुनिक शायर और

कहानिकार, भारत में आधुनिक उर्दू नज़्म के विकास में महत्वपूर्ण यागदान, पद्मश्री से सम्मानित।

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जंग

तीरगी में भयानक सदाएँ उठीं

बलराज कोमल

परिंदों भरा आसमान

लोग कहते हैं

बलराज कोमल

ये ज़र्द बच्चे

घरों की रौनक़

बलराज कोमल

एक औरत

वो मौज इक मक़ाम से

बलराज कोमल

सालगिरह

दम-ए-उम्र-ए-रवाँ का दायरा

बलराज कोमल

सबा के हाथ पीले हो गए

सबा के हाथ पीले हो गए

बलराज कोमल

दीवारें

कहते हैं सब लोग

बलराज कोमल

विसाल

तेरी क़ुर्बत की लज़्ज़त-ए-शीरीं

बलराज कोमल

परिंदा

परिंदा आसमाँ की नीलगूँ मेहराब के उस पार जाता है

बलराज कोमल

बुज़दिल

दयार-ए-बर्ग-ए-रा'ना से

बलराज कोमल
बोलिए