सारा शगुफ़्ता की 10 मशहूर नज़्में

अपने अपारम्परिक विचारों

के लिए मशहूर पाकिस्तानी शायरा। कम उम्र में आत्महत्या की।

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आधा कमरा

उस ने इतनी किताबें चाट डालीं

सारा शगुफ़्ता

चाँद का क़र्ज़

हमारे आँसुओं की आँखें बनाई गईं

सारा शगुफ़्ता

औरत और नमक

इज़्ज़त की बहुत सी क़िस्में हैं

सारा शगुफ़्ता

शैली बेटी के नाम

तुझे जब भी कोई दुख दे

सारा शगुफ़्ता

परिंदे की आँख खुल जाती है

किसी परिंदे की रात पेड़ पर फड़फड़ाती है

सारा शगुफ़्ता

साए की ख़ामोशी

साए की ख़ामोशी सिर्फ़ ज़मीन सहती है

सारा शगुफ़्ता

शायद मिट्टी मुझे फिर पुकारे

सुन

सारा शगुफ़्ता

परिंदा कमरे में रह गया

रात ने जब घड़ियों से वक़्त उठा लिया

सारा शगुफ़्ता

चराग़ जब मेरा कमरा नापता है

चराग़ ने फूल को जन्म देना शुरूअ' कर दिया है

सारा शगुफ़्ता

च्यूँटी-भर आटा

हम किस दुख से अपने मकान फ़रोख़्त करते हैं

सारा शगुफ़्ता

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