बाँध
पंजाबी लड़की रानो की कहानी, जो जानती है कि वरियामू उससे मोहब्बत करता है, पर वह उसे छोड़कर केहर सिंह के पीछे लगी रहती है। वह जानती है कि केहर सिंह उससे मोहब्बत नहीं करता है, फिर भी वह उसके इर्द-गिर्द चक्कर लगाती रहती है। इसी में वह केहर सिंह से गर्भवती हो जाती है। वरियामू तब भी उससे ख़ामोश मोहब्बत करता रहता है। इसी मोहब्बत की वजह से वह उसके घर को बाढ़ से बचाने के लिए अकेला ही बारिश में भीगता हुआ बाँध बना देता है।
बलवंत सिंह
महावटों की एक रात
महावटों की रात है और घनघोर बरसात हो रही है। एक ग़रीब परिवार जिसमें तीन छोटे बच्चे भी हैं एक छोटे कमरे में सिमटे-सिकुड़े लेटे हुए हैं। घर की छत चू रही है। ठंड लग रही है और भूख से पेटों में चूहे कूद रहे हैं। बच्चों की अम्मी अपनी पुराने दिनों को याद करती है और सोचती है कि शायद वह जन्नत में है। जब बच्चे बार-बार उससे खाने के लिए कहते हैं तो वह उसके बारे में सोचती है और कहती है कि अगर वह होता तो कुछ न कुछ खाने के लिए लाता।
अहमद अली
दस मिनट बारिश में
यह बारिश में भीगती एक ऐसी ग़रीब औरत की कहानी है, जिसका शौहर उसे छोड़कर चला गया है और उसकी घोड़ी भी गुम हो गई है। उसका एक कम-अक़्ल बेटा है जो झोपड़ी में पड़ा रहता है। बारिश तेज़ होने की वजह से झोपड़ी की छत उड़ गई है जिसे वह औरत अकेले ही उसे ठीक कर रही है और दूर खड़े दो मर्द आपस में बात कर रहे हैं और इस इंतज़ार में हैं कि वह कब उन्हें अपनी मदद के लिए बुलाती है।